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"छोरी भई सयानी भैया घबरावें / अशोक अंजुम" के अवतरणों में अंतर
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00:55, 7 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण
छोरी भई सयानी भैया घबरावेंं
कैसे बने कहानी भैया घबरावेंं
सूखा परिगऔ अबकेँ कैसे बात बने
धान माँगते पानी भैया घबरावेंं
ठाकुर जी धमकावे करजा लौटाओ
वरना भुगतो हानी भैया घबरावेंं
बैल सूखि कैं काँटो है रए, कहा करेंं
मिलै न चारो - पानी भैया घबरावेंं
छोरा निकरे महानिकम्मे दोनों ई
बिदकें देख जनानी भैया घबरावेंं
गाल बजाबें नेता सिगरे आ-आ केँ
रोबै कुतिया कानी भैया घबरावेंं
खेत रखोयै गिरवी वो पुरखन बारो
बिक ना जाय निसानी भैया घबरावेंं