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"दरपन ने जो चोट सही वो पत्थर क्या जाने / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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दरपन ने जो चोट सही वो पत्थर क्या जाने
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हरियाली किसको कहते हैं बंजर क्या जाने।
  
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नम आँखे रह गयी देखती गया वो मुस्काकर
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दिल के अरमां क्या होते हैं दिलवर क्या जाने।
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बिगडे़ बेटे की फ़रियादें माँ ने क्यों मानी
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माँ की ममता क्या होती है शायर क्या जाने।
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आँधी से जो बच निकला मौसम से टूट गया
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पेड़ों पर क्या बीत रही ये पतझर क्या जाने।
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दुनिया उसका रूप देखकर धेाखा खा बैठी
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ज़हर भरा है कितना दिल के अन्दर क्या जाने।
 
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12:49, 2 जनवरी 2017 के समय का अवतरण

दरपन ने जो चोट सही वो पत्थर क्या जाने
हरियाली किसको कहते हैं बंजर क्या जाने।

नम आँखे रह गयी देखती गया वो मुस्काकर
दिल के अरमां क्या होते हैं दिलवर क्या जाने।

बिगडे़ बेटे की फ़रियादें माँ ने क्यों मानी
माँ की ममता क्या होती है शायर क्या जाने।

आँधी से जो बच निकला मौसम से टूट गया
पेड़ों पर क्या बीत रही ये पतझर क्या जाने।

दुनिया उसका रूप देखकर धेाखा खा बैठी
ज़हर भरा है कितना दिल के अन्दर क्या जाने।