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14:25, 15 मार्च 2017 का अवतरण
हरेक बिहान
रक्ताम्य खबरहरूसँगै ब्यूँझन्छु
र सशङ्कित हुँदै छाम्दछु आफूलार्इ
आफैँ हो कि हैन भनेर।
कृतज्ञता व्यक्त गर्दछु
आफ्नो एकमात्र संरक्षकलार्इ
"धन्य र्इश्वर!
हिजो मर्ने र मारिनेहरूको सूचीमा
मेरो नाम छैन "।