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"गळगचिया (24) / कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर

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पंखेरू कयो-रूँखड़ा थारै पराँ तो अणगिणत पंखेरू आवै र चल्या जावै, तूं सगळां री याद किंया राखै है ?
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रूँख बोल्यो- म्हारो एक एक पानड़ो एक एक आयै र गयै री याद है।
 
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13:38, 17 मार्च 2017 के समय का अवतरण

पंखेरू कयो-रूँखड़ा थारै पराँ तो अणगिणत पंखेरू आवै र चल्या जावै, तूं सगळां री याद किंया राखै है ?
रूँख बोल्यो- म्हारो एक एक पानड़ो एक एक आयै र गयै री याद है।