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"गळगचिया (34) / कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर
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+ | बिरखा आई। छोटा छोटा नाळा'र खाळा पाणी ल्या ल्या'र तळाब नै भर दियो। दूसरै ही दिन करड़ो तावड़ो निकल्यो, | ||
+ | नाळाँ-खाळाँ रा कंठ सूखग्या। नाळा कयो-तळाब म्हे काल पाणी ल्याया जकै में स्यूं थोड़ो पाणी कंठ आला करणै वासतै म्हाँने पाछो दै। | ||
+ | तळाब चिड़ र बोल्यो-जा जा, छोटै मूंड़ै बडी बात नही करणी। बापड़ा नाळा तिसाँ मरता धूळ फांकणी सरू कर दी । फेर बिरखा आई, पण नाळाँ रा तो कंठ रूजग्या हा बी सूखणै पड्योड़े तळाब ताँई पाणी कुण ल्यातो हो ? | ||
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14:27, 17 मार्च 2017 के समय का अवतरण
बिरखा आई। छोटा छोटा नाळा'र खाळा पाणी ल्या ल्या'र तळाब नै भर दियो। दूसरै ही दिन करड़ो तावड़ो निकल्यो,
नाळाँ-खाळाँ रा कंठ सूखग्या। नाळा कयो-तळाब म्हे काल पाणी ल्याया जकै में स्यूं थोड़ो पाणी कंठ आला करणै वासतै म्हाँने पाछो दै।
तळाब चिड़ र बोल्यो-जा जा, छोटै मूंड़ै बडी बात नही करणी। बापड़ा नाळा तिसाँ मरता धूळ फांकणी सरू कर दी । फेर बिरखा आई, पण नाळाँ रा तो कंठ रूजग्या हा बी सूखणै पड्योड़े तळाब ताँई पाणी कुण ल्यातो हो ?