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"सखे! भारत देश जैसा / सोना श्री" के अवतरणों में अंतर

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प्रीत, रीति है जहाँ की
 
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सकल जग में तुम बताओ
 
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01:26, 28 मार्च 2017 का अवतरण

अडिग-अविचल सर हिमाचल
हिन्द सिंधु जिसके पदतल l
नर्मदा, कृष्णा, त्रिवेणी
तापती, गोदावरी जल l
कौन है संसाधनों से
धनी जग में शेष ऐसा ?
सखे! भारत देश जैसा |

ज्ञान चारो वेद जिसके
और स्वर है उपनिषद से
गुरुवाणी और अजानें
कर्णप्रिय मीठे शहद से
ज्ञान गंगा से सुशोभित
कौन है उन्मेष ऐसा ?
सखे! भारत देश जैसा |

प्रीत, रीति है जहाँ की
विविधता पर एक बंधन
वीर माटी को जहाँ पर
मानते हैं शीश-चंदन
सकल जग में तुम बताओ
और कोई देश ऐसा ?
सखे! भारत देश जैसा |