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"423 / हीर / वारिस शाह" के अवतरणों में अंतर

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कजल पूछलां<ref>सुरमे की लकीर</ref> वालड़ा घत नैनां जुलफां कुंडलां दार बलावनी ए
नीवियां पटीयां मुख पलमा जुलफां गुजां घतके लानतां लावनी ए
जेवर आशकां नूं दिखलावनी ते नित वेहड़े दे विच छनकावनी ए
बांकी फब रहिंदी चोली बाफते<ref>रेशमी कपड़ा</ref> दी उते कहर दियां अलियां<ref>फूल</ref> लावनी ए
ठोडी गाल ते पायके खाल खूनी राह जांदड़े मिरग फहावनी ए
जिनां नखरयां नाल भरमांवनी ए किसे गल तों नहीं शरमवानी ए
मल वटना लोहड़ दंदासड़े दा जरी बादला पट हंडावनीए
तेड़ घगरा पायके पट वाला कूंजां<ref>कड़ाई के फूल</ref> घतके लावना<ref>कोर</ref> लावनी ए
नवां वेस ते वेस बनावनी ए लवे फेरियां ते चमकावनी ए
नाल हुसन गुमान दे पलंघ बहके हूरां परी दी भैण सदावनी ए
महिंदी ला हथी पहन जरी जेवर सुहन मुरग दी शान गवावनी ए
पैर नाल चबा दे चावनिए लाड नाल गहने छनकावनी ए
वेख होरनां नक चढ़ावनी ए बैठी पलंघ ते लूतियां लावनी ए
पर असीं भी नहीं हां घट तैथों जे तूं आप नूं छैल सदावनी ए
साडे चन्न समीर मथलियां दे सानूं चूहड़ी तूं नजर आवनी ए
नाडू शाह दी रन्न हो पलंघ बहके साडे जिउ विच मूलना भावनी ए
तेरा कम्म ना कोई विगाड़या ए ऐवें जोगी दी टंग भनावनी ए
तेरा यार आया असां नांह भावें अते हीर की मुंहों अखावनी ए
सभ अड़तने पड़तने साड़ सटूं ऐवें शेखियां पई जगावनी ए
वेख जोगी नूं मार खुदेड़ कढूं किवें उसनूं आन छुडावनी ए
तेरे नाल जो करांगी मुलक वेखे जेहे मेहने लूतीयां लावनी ए
ऐसे गल विचों तुध चाहवना की वारस शाह दा मगज खपावनी ए

शब्दार्थ
<references/>