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"गाँधी-भारती / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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*[[गलने लगा हिमालय लज्जा से सागर चिंघाड़ रहा / गुलाब खंडेलवाल]] | *[[गलने लगा हिमालय लज्जा से सागर चिंघाड़ रहा / गुलाब खंडेलवाल]] | ||
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09:24, 20 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण
गाँधी भारती
रचनाकार | गुलाब खंडेलवाल |
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प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | सॉनेट |
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ISBN | |
विविध |
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- उस दिन बोधि-वृक्ष के नीचे एक अबोध-हृदय आया,, / गुलाब खंडेलवाल
- अंधकार-युग वह भारत का जब जातीय ज्योति थी क्षीण / गुलाब खंडेलवाल
- गलने लगा हिमालय लज्जा से सागर चिंघाड़ रहा / गुलाब खंडेलवाल
- तुमने जीवन दिया हमें, हम तुम्हें मृत्यु दे बैठे आप; / गुलाब खंडेलवाल
- ठोकर खा गिर पडी, मनुजते! कौन अश्रुकण पोंछे आज / गुलाब खंडेलवाल
- बापू की पद-चिह्न-पंक्ति-सी मिट न सकेगी धरती पर / गुलाब खंडेलवाल
- बोल 'महात्मा गाँधी की जय' छोड़ दिये कितनों ने प्राण, / गुलाब खंडेलवाल
- भारत मेरे स्वप्नों का वह, जिसमें सब समान, सब एक, / गुलाब खंडेलवाल
- राजा राम अयोध्या के थे! हुए विदा जो उसको छोड़ / गुलाब खंडेलवाल