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"अनुहार / अशेष मल्ल" के अवतरणों में अंतर
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बिहान सबेरै
उठेर ऐना हेरेँ
चर्किएको थियो
थाहा भएन
मेरो अनुहार चर्किएको थियो
कि ऐना
किन चर्किन्छ
यसरी एकाएक
अनुहार कि ऐना
कि बेहोस छु म
नत्र कि बेहोस छ ऐना
किन चर्किन्छ
केवल अनुहार
एकाएक बिहान ?
हुन सक्छ
रातभर पाप रचेपछि
ऐनाझैँ चर्किन्छ अनुहार ।
