भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"जुड़वा बच्चा / नवीन ठाकुर ‘संधि’" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= |अनुवादक= |संग्रह=धरती रोॅ बीज / नव...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
|रचनाकार=
+
|रचनाकार=नवीन ठाकुर 'संधि'
 
|अनुवादक=
 
|अनुवादक=
 
|संग्रह=धरती रोॅ बीज / नवीन ठाकुर 'संधि'
 
|संग्रह=धरती रोॅ बीज / नवीन ठाकुर 'संधि'

14:11, 27 मई 2017 के समय का अवतरण

खेलै छै कत्तेॅ अच्छा,
हमरोॅ दुयो जीवोॅ रोॅ बच्चा।

कोय माँगै छै चटनी कोय झुंझुना,
हम्में देलियै लानी सुपती मौनी खिलौना।
चट सें उठाय केॅ पकड़लकै कोणा,
हुन्ने बिलखी- बिलखी केॅ कान्ने लागलै मुन्ना।
है कत्तेॅ छै विहाय बुतरू सच्चा।
खेलै छै कत्तेॅ अच्छा।

एके दिनोॅ रोॅ जनम दुय्यो छै जुड़वा,
मुन्ना छै सीधा मुन्नी पढ़ाय छै घूरूवा।
कोरा उठैलियै मुन्ना केॅ, मुन्नी कहै छै धूरूवा
सानी केॅ देलियै सत्तू मुन्नी मांगै छै चुढ़वा।
लानी देलकै ‘‘संधि’’ टिकली, बिन्दी, लच्छा,
खेलै छै कत्तेॅ अच्छा।