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"विसवास : तीन / विरेन्द्र कुमार ढुंढाडा़" के अवतरणों में अंतर

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विसवास  
+
विसवास रै ताण ई
नीं थारो है म्हनै
+
लोगड़ा चढै
नी म्हारो है थन्नै
+
रेलगाड़ी
पण हैं विसवास
+
मोटर अर चिलगाड़ी
आपां बिचाळै
+
थकां डर
जको जोड़ै आपां नै।
+
कै कदै ई घट सकै
 +
अणखावणों दुरघट।
  
कुण भरै साख
+
विसवास री साख
आपणै विसवास री  
+
छोडै घर
आपां बिचाळै
+
जावै घर
आ थूं जाणै
+
जावै आंतरा
का फेर जाणूं म्हैं
+
कटै जातरा
नीं थूं म्हनै बतावै
+
घर सूं दूर
नीं बताऊं म्हूं  
+
काळजै में बांध
बतायां टूटै विसवास  
+
भूंडी अणचींत
डर है आपां नै
+
 
इणी कारण
+
बताओ
जीवै विसवास  
+
कठै है विसवास
आपां बिचाळै।
+
विसवास री ओट
 +
बिगसै
 +
कितरो अणविसवास
 +
थूं म्हारो है
 +
म्हूं थारो हूं
 +
दोन्यां नै है विसवास  
 +
पण है कांई
 +
आपां रै मनां
 +
पूरो विसवास ?
 
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18:23, 9 जून 2017 के समय का अवतरण

विसवास रै ताण ई
लोगड़ा चढै
रेलगाड़ी
मोटर अर चिलगाड़ी
थकां डर
कै कदै ई घट सकै
अणखावणों दुरघट।

विसवास री साख ई
छोडै घर
जावै घर
जावै आंतरा
कटै जातरा
घर सूं दूर
काळजै में बांध
भूंडी अणचींत

बताओ
कठै है विसवास
विसवास री ओट
बिगसै
कितरो अणविसवास
थूं म्हारो है
म्हूं थारो हूं
दोन्यां नै है विसवास
पण है कांई
आपां रै मनां
पूरो विसवास ?