भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"खत लिख रहा हूँ तुमको / आनंद कुमार द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आनंद कुमार द्विवेदी |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:43, 17 जून 2017 के समय का अवतरण
न दर्द न दुनिया के सरोकार लिखूंगा
ख़त लिख रहा हूँ तुमको सिर्फ प्यार लिखूंगा
तुम गुनगुना सको जिसे , वो गीत लिखूंगा
हर ख्वाब लिखूंगा, हर ऐतबार लिखूंगा
पत्थर को भी भगवान, बनाते रहे हैं जो
वो भाव ही लिक्खूंगा वही प्यार लिखूंगा
दुनिया से छिपा लूँगा, तुम्हें कुछ न कहूँगा
गर नाम भी लूँगा, तो ‘यादगार’ लिखूंगा
सौ चाँद भी देखूं जो, तुझे देखने के बाद
मैं एक - एक कर, उन्हें बेकार लिखूंगा
अपने लिए भी सोंचना है मुझको कुछ अभी
‘आनंद’ लिखूंगा या अदाकार लिखूंगा