भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

माँ-1 / रंजना जायसवाल

13 bytes added, 12:41, 26 जून 2017
|संग्रह=मछलियाँ देखती हैं सपने / रंजना जायसवाल
}}
{{KKCatKavita‎KKCatKavita}}{{KKAnthologyMaa}}
<poem>
धूल पर
बेटी को सिखाते
घर का काम
माँ याद आती है...
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,103
edits