भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चीख / मोहन पुरी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोहन पुरी |अनुवादक= |संग्रह=थार-सप...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:09, 27 जून 2017 के समय का अवतरण


कालै मिल्यो हो
तू चौखूंटी माथै
चौखूंटी माथै
जोर-जोर सूं
बोकाड़ा फाड़तो
रोवतो थकां....
म्हूं कींकर
मैसूस रियो हूं
उण री चीख
अजै तांई म्हारा कानां में ?