भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सूरज मरकरी / हरीश हैरी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरीश हैरी |अनुवादक= |संग्रह=थार-सप...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

22:30, 27 जून 2017 के समय का अवतरण

ऊपरलै
दिन में
चसाई
सूरज मरकरी
खूब बिल आयो!

रात नै
झिलमिल लाईटां रै साथै
चसायो
चाँद सी.एफ.एल.
आखी जिया जूण रै
ठंड बापरगी!