भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"म्हे अर बै (2) / ओम पुरोहित ‘कागद’" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’ |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:47, 28 जून 2017 के समय का अवतरण

म्हे
घालता रैया बोट
अर
बै छापता रैया नोट
म्हारै पल्लै आज
साल दर साल
बोट ई बोट
अर बांरै पल्लै
अकरा अकरा नोट!