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खेतां मांय
ओढ्यां पीळौ पोमचौ
सरस्यूं
हरख मनावै
मोरिया नाचै
अर
कोयलड़्यां
गीत गावै
मधरी-मधरी चालै
आ
पुरवाई पून
जद आवै
बसंत
म्हारै गांम
बसंत....
थूं बसज्या नीं
बसंत
थूं बसज्या
म्हारै गांम।