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"म्हां रै ऊपर पग धर चढग्या / मंगत बादल" के अवतरणों में अंतर
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10:05, 8 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
म्हां रै ऊपर पग धर चढग्या,
लोगऊपराळी मजलां पर,
म्हे निसरणी रा गाता ।
बां रो सगळो बोझ,
म्हे ई सहियो।
म्हे सुणता रैया,
बां जिको कीं कहियो ।
म्हे चिप्या रैया अेक जगा
आप रै करम सूं या भरम सूं,
बां रा चरण,
कंवळ बण भरता रैया,
म्हां री जिनगाणी रा खाता ।
म्हे निसरणी रा गाता ।
ईसा नीं बण सक्या पण,
म्हे भी मेखां सूं ठुक्या ।
देखण नै दुख-सुख म्हां रा
कोई नीं रुक्या ।
रोंवता रैया किस्मत नै,
जोंवता रैया बाटड़ली
म्हे निहाल हुया,
जद बां दरस दिया आता-जाता ।
म्हे निसरणी रा गाता ।