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"एक तो चेहरा ऐसा हो / फ़रहत शहज़ाद" के अवतरणों में अंतर
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04:56, 10 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
एक तो चेहरा ऐसा हो
मेरे लिए जो सजता हो
शाम ढले एक दरवाज़ा
राह मेरी भी तकता हो
मेरा दुःख वो समजेगा
मेरी तरह जो तनहा हो
एक सुहाना मुस्तकबिल
ख़ाब सा जैसे देखा हो
अब 'शहज़ाद' वो दीपक है
जो तूफ़ान में जलता हो