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"प्रेम पिता का दिखाई नहीं देता / चन्द्रकान्त देवताले" के अवतरणों में अंतर
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− | तुम्हारी निश्चल | + | तुम्हारी निश्चल आँखें |
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तारों-सी चमकती हैं मेरे अकेलेपन की रात के आकाश में | तारों-सी चमकती हैं मेरे अकेलेपन की रात के आकाश में | ||
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प्रेम पिता का दिखाई नहीं देता | प्रेम पिता का दिखाई नहीं देता | ||
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ईथर की तरह होता है | ईथर की तरह होता है | ||
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ज़रूर दिखाई देती होंगी नसीहतें | ज़रूर दिखाई देती होंगी नसीहतें | ||
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नुकीले पत्थरों-सी | नुकीले पत्थरों-सी | ||
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दुनिया-भर के पिताओं की लम्बी कतार में | दुनिया-भर के पिताओं की लम्बी कतार में | ||
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पता नहीं कौन-सा कितना करोड़वाँ नम्बर है मेरा | पता नहीं कौन-सा कितना करोड़वाँ नम्बर है मेरा | ||
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पर बच्चों के फूलोंवाले बग़ीचे की दुनिया में | पर बच्चों के फूलोंवाले बग़ीचे की दुनिया में | ||
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तुम अव्वल हो पहली कतार में मेरे लिए | तुम अव्वल हो पहली कतार में मेरे लिए | ||
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मुझे माफ़ करना मैं अपनी मूर्खता और प्रेम में समझा था | मुझे माफ़ करना मैं अपनी मूर्खता और प्रेम में समझा था | ||
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मेरी छाया के तले ही सुरक्षित रंग-बिरंगी दुनिया होगी तुम्हारी | मेरी छाया के तले ही सुरक्षित रंग-बिरंगी दुनिया होगी तुम्हारी | ||
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अब जब तुम सचमुच की दुनिया में निकल गई हो | अब जब तुम सचमुच की दुनिया में निकल गई हो | ||
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मैं ख़ुश हूँ सोचकर | मैं ख़ुश हूँ सोचकर | ||
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कि मेरी भाषा के अहाते से परे है तुम्हारी परछाई | कि मेरी भाषा के अहाते से परे है तुम्हारी परछाई | ||
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17:23, 15 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
तुम्हारी निश्चल आँखें
तारों-सी चमकती हैं मेरे अकेलेपन की रात के आकाश में
प्रेम पिता का दिखाई नहीं देता
ईथर की तरह होता है
ज़रूर दिखाई देती होंगी नसीहतें
नुकीले पत्थरों-सी
दुनिया-भर के पिताओं की लम्बी कतार में
पता नहीं कौन-सा कितना करोड़वाँ नम्बर है मेरा
पर बच्चों के फूलोंवाले बग़ीचे की दुनिया में
तुम अव्वल हो पहली कतार में मेरे लिए
मुझे माफ़ करना मैं अपनी मूर्खता और प्रेम में समझा था
मेरी छाया के तले ही सुरक्षित रंग-बिरंगी दुनिया होगी तुम्हारी
अब जब तुम सचमुच की दुनिया में निकल गई हो
मैं ख़ुश हूँ सोचकर
कि मेरी भाषा के अहाते से परे है तुम्हारी परछाई