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"हवा में शोर हो तो रागिनी अच्छी नहीं लगती / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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यहाँ तो योगिराजों के भी हैं इतिहास ऐसे ही, | यहाँ तो योगिराजों के भी हैं इतिहास ऐसे ही, | ||
जिन्हें राधा के आगे रूक्मिनी अच्छी नहीं लगती। | जिन्हें राधा के आगे रूक्मिनी अच्छी नहीं लगती। | ||
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15:19, 19 अगस्त 2017 का अवतरण
हवा में शोर हो तो रागिनी अच्छी नहीं लगती।
तमन्ना मर गयी तो कामिनी अच्छी नहीं लगती।
बुझा दो दीप कर दो खिड़कियों के बंद परदे भी,
तुम्हारी चाँदनी में रोशनी अच्छी नहीं लगती।
घटाओं में अगर चमके तो सब तारीफ़ करते हैं,
किसी घर पर गिरे तो दामिनी अच्छी नहीं लगती।
हमें तो श्याम रंग भाता है अपनी रातरानी का,
कभी ‘मेकप’ में उजली यामिनी अच्छी नहीं लगती।
यहाँ तो योगिराजों के भी हैं इतिहास ऐसे ही,
जिन्हें राधा के आगे रूक्मिनी अच्छी नहीं लगती।