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"खूब वो मुझ में तलाशे खामियाँ / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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− | खूब वो मुझ में तलाशे | + | खूब वो मुझ में तलाशे खामियाँ |
हम तो गाकर जायेंगे अच्छाइयाँ। | हम तो गाकर जायेंगे अच्छाइयाँ। | ||
− | जानता हूँ कब्र खुदती है कहाँ | + | जानता हूँ कब्र खुदती है कहाँ |
मैने चाहा ही नहीं ऊँचाइयाँ। | मैने चाहा ही नहीं ऊँचाइयाँ। | ||
− | जब हमारी याद आयेगी तुम्हें | + | जब हमारी याद आयेगी तुम्हें |
काटने लग जांयगी तनहाइयाँ। | काटने लग जांयगी तनहाइयाँ। | ||
− | फिर तो मंजिल दूर हो या पास हो | + | फिर तो मंजिल दूर हो या पास हो |
चल पड़े तो फिर कहाँ कठिनाइयाँ। | चल पड़े तो फिर कहाँ कठिनाइयाँ। | ||
− | गर इरादे हों तुम्हारे नेक तो | + | गर इरादे हों तुम्हारे नेक तो |
मुझ में भी मिल जायँगी कुछ खूबियाँ। | मुझ में भी मिल जायँगी कुछ खूबियाँ। | ||
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16:29, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
खूब वो मुझ में तलाशे खामियाँ
हम तो गाकर जायेंगे अच्छाइयाँ।
जानता हूँ कब्र खुदती है कहाँ
मैने चाहा ही नहीं ऊँचाइयाँ।
जब हमारी याद आयेगी तुम्हें
काटने लग जांयगी तनहाइयाँ।
फिर तो मंजिल दूर हो या पास हो
चल पड़े तो फिर कहाँ कठिनाइयाँ।
गर इरादे हों तुम्हारे नेक तो
मुझ में भी मिल जायँगी कुछ खूबियाँ।