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"प्यार रिश्ता हो न हो, पर धर्म है, ईमान है / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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कीजिए महसूस तो हर सिम्त वो भगवान है। | कीजिए महसूस तो हर सिम्त वो भगवान है। | ||
− | चुक गयी हिम्मत तो कितनी दूर चल पायेंगे आप | + | चुक गयी हिम्मत तो कितनी दूर चल पायेंगे आप |
हौसला हो दिल में तो हर रास्ता आसान है। | हौसला हो दिल में तो हर रास्ता आसान है। | ||
− | सोचकर हो प्यार तो कुछ क्षोभ, कुछ संताप हो | + | सोचकर हो प्यार तो कुछ क्षोभ, कुछ संताप हो |
ख़ुदबखुद जो हो गया वो मान लो वरदान है। | ख़ुदबखुद जो हो गया वो मान लो वरदान है। | ||
− | प्यार में डूबा हो दिल या दिल भरा हो प्यार से | + | प्यार में डूबा हो दिल या दिल भरा हो प्यार से |
उम्र के अंतिम क्षणों तक बस यही अरमान है। | उम्र के अंतिम क्षणों तक बस यही अरमान है। | ||
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16:30, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
प्यार रिश्ता हो न हो, पर धर्म है, ईमान है
कीजिए महसूस तो हर सिम्त वो भगवान है।
चुक गयी हिम्मत तो कितनी दूर चल पायेंगे आप
हौसला हो दिल में तो हर रास्ता आसान है।
सोचकर हो प्यार तो कुछ क्षोभ, कुछ संताप हो
ख़ुदबखुद जो हो गया वो मान लो वरदान है।
प्यार में डूबा हो दिल या दिल भरा हो प्यार से
उम्र के अंतिम क्षणों तक बस यही अरमान है।