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"ये ज़मीन खुशबुओं से भरी कोई फूल इसमें खिलाइये / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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ये ज़मीन खुशबुओं से भरी कोई फूल इसमें खिलाइये।
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ये ज़मीन खुशबुओं से भरी कोई फूल इसमें खिलाइये
 
हाकिम तो आप बहुत बड़े इन्सान बनके दिखाइये।  
 
हाकिम तो आप बहुत बड़े इन्सान बनके दिखाइये।  
  
ताक़त है बख़्शी ख़ुदा ने जो कुछ सोच करके ही आपको,
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ताक़त है बख़्शी ख़ुदा ने जो कुछ सोच करके ही आपको
 
है वक़्त आप पे मेहरबाँ औरों के काम भी आइये।
 
है वक़्त आप पे मेहरबाँ औरों के काम भी आइये।
  
इतने महान भी मत बनें किसी आदमी से घृणा करें,
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इतने महान भी मत बनें किसी आदमी से घृणा करें
 
इस पद के झूठे गुमान से भगवान मुझको बचाइये।
 
इस पद के झूठे गुमान से भगवान मुझको बचाइये।
  
कुर्सी से अच्छे भी काम हों, कुर्सी से होते गुनाह भी,
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कुर्सी से अच्छे भी काम हों, कुर्सी से होते गुनाह भी
 
कहने से बाज भी आइये कुछ करके आप दिखइये।
 
कहने से बाज भी आइये कुछ करके आप दिखइये।
  
ओहदे से, पद से न हो सके या रौब से जो न मिल सके,
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ओहदे से, पद से न हो सके या रौब से जो न मिल सके
 
वह एक केवल प्यार से, आराम से सब पाइये।
 
वह एक केवल प्यार से, आराम से सब पाइये।
 
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16:33, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

ये ज़मीन खुशबुओं से भरी कोई फूल इसमें खिलाइये
हाकिम तो आप बहुत बड़े इन्सान बनके दिखाइये।

ताक़त है बख़्शी ख़ुदा ने जो कुछ सोच करके ही आपको
है वक़्त आप पे मेहरबाँ औरों के काम भी आइये।

इतने महान भी मत बनें किसी आदमी से घृणा करें
इस पद के झूठे गुमान से भगवान मुझको बचाइये।

कुर्सी से अच्छे भी काम हों, कुर्सी से होते गुनाह भी
कहने से बाज भी आइये कुछ करके आप दिखइये।

ओहदे से, पद से न हो सके या रौब से जो न मिल सके
वह एक केवल प्यार से, आराम से सब पाइये।