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"हमने भी आज कर लिये दर्शन शराब के / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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− | हमने भी आज कर लिये दर्शन शराब | + | हमने भी आज कर लिये दर्शन शराब के |
हम भी करीब आ गये अब तो जनाब के। | हम भी करीब आ गये अब तो जनाब के। | ||
− | दो घूँट पी के हम भी शहंशाह हो गये | + | दो घूँट पी के हम भी शहंशाह हो गये |
रखवा लिए हैं ताज हज़ारों नवाब के। | रखवा लिए हैं ताज हज़ारों नवाब के। | ||
− | साकी पिलाये खुद तभी पीने का है मजा | + | साकी पिलाये खुद तभी पीने का है मजा |
ओह क्या नशा है हुस्न में उस माहताब के। | ओह क्या नशा है हुस्न में उस माहताब के। | ||
− | पहलू में हम हों आप के या आपके गम में | + | पहलू में हम हों आप के या आपके गम में |
अच्छे तो दो ही दिन यही होते शराब के। | अच्छे तो दो ही दिन यही होते शराब के। | ||
− | इतनी पिलाइये कि नींद दिन चढ़े खुले | + | इतनी पिलाइये कि नींद दिन चढ़े खुले |
सब रास्ते भी शाम से हों बंद ख़्वाब के। | सब रास्ते भी शाम से हों बंद ख़्वाब के। | ||
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16:35, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
हमने भी आज कर लिये दर्शन शराब के
हम भी करीब आ गये अब तो जनाब के।
दो घूँट पी के हम भी शहंशाह हो गये
रखवा लिए हैं ताज हज़ारों नवाब के।
साकी पिलाये खुद तभी पीने का है मजा
ओह क्या नशा है हुस्न में उस माहताब के।
पहलू में हम हों आप के या आपके गम में
अच्छे तो दो ही दिन यही होते शराब के।
इतनी पिलाइये कि नींद दिन चढ़े खुले
सब रास्ते भी शाम से हों बंद ख़्वाब के।