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"भैया जी को देखो कितना हँसकर मिलते हैं / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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भैया जी को देखो कितना हँसकर मिलते हैं।
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भैया जी को देखो कितना हँसकर मिलते हैं
 
मतलब अगर नहीं है तो फिर नहीं पूछते है।
 
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ये सब खॅू पीने वाले है बड़े मतलबी लोग,
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ये सब खॅू पीने वाले है बड़े मतलबी लोग
 
बिल्कुल भोले  लगते हैं जब चिपके रहते हैं।
 
बिल्कुल भोले  लगते हैं जब चिपके रहते हैं।
  
कल जिनका विश्वास जीतकर जीते बड़ा चुनाव,
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कल जिनका विश्वास जीतकर जीते बड़ा चुनाव
 
घोखा देकर नेता जी अब उन्हीं को ठगते है।
 
घोखा देकर नेता जी अब उन्हीं को ठगते है।
  
चले गये मजदूर गाँव के सब मनरेगा में,
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चले गये मजदूर गाँव के सब मनरेगा में
 
कितने लम्बरदार खेत अब परती रखते हैं।
 
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पाँच साल की परधानी में पाँच पुश्त तक खाय,
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पाँच साल की परधानी में पाँच पुश्त तक खाय
 
बारहमासी पेड़ बाग़ में फलते रहते हैं।
 
बारहमासी पेड़ बाग़ में फलते रहते हैं।
 
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17:15, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

भैया जी को देखो कितना हँसकर मिलते हैं
मतलब अगर नहीं है तो फिर नहीं पूछते है।

ये सब खॅू पीने वाले है बड़े मतलबी लोग
बिल्कुल भोले लगते हैं जब चिपके रहते हैं।

कल जिनका विश्वास जीतकर जीते बड़ा चुनाव
घोखा देकर नेता जी अब उन्हीं को ठगते है।

चले गये मजदूर गाँव के सब मनरेगा में
कितने लम्बरदार खेत अब परती रखते हैं।

पाँच साल की परधानी में पाँच पुश्त तक खाय
बारहमासी पेड़ बाग़ में फलते रहते हैं।