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"आज मौसम ने शरारत फिर किया / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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फिर बहाने से किसी ने छू लिया। | फिर बहाने से किसी ने छू लिया। | ||
− | आपके खंज़र को भी सजदा किया | + | आपके खंज़र को भी सजदा किया |
नोक पर सीधे कलेजा रख दिया। | नोक पर सीधे कलेजा रख दिया। | ||
− | मुस्कराकर हाल पूछा आपने | + | मुस्कराकर हाल पूछा आपने |
ठीक है, मैंने भी हँसकर कह दिया। | ठीक है, मैंने भी हँसकर कह दिया। | ||
− | हुस्न वालों की गली है सोचकर | + | हुस्न वालों की गली है सोचकर |
पत्थरों के डर से सर को ढँक लिया। | पत्थरों के डर से सर को ढँक लिया। | ||
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17:20, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
आज मौसम ने शरारत फिर किया
फिर बहाने से किसी ने छू लिया।
आपके खंज़र को भी सजदा किया
नोक पर सीधे कलेजा रख दिया।
मुस्कराकर हाल पूछा आपने
ठीक है, मैंने भी हँसकर कह दिया।
हुस्न वालों की गली है सोचकर
पत्थरों के डर से सर को ढँक लिया।