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"आत्मा नीलाम करके कुछ भी पा लो / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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− | आत्मा नीलाम करके कुछ भी पा | + | आत्मा नीलाम करके कुछ भी पा लो |
रात वाला काम करके कुछ भी पा लो। | रात वाला काम करके कुछ भी पा लो। | ||
− | गर तुम्हारे नाम से कुछ हो न हासिल | + | गर तुम्हारे नाम से कुछ हो न हासिल |
तो हमें बदनाम करके कुछ भी पा लो। | तो हमें बदनाम करके कुछ भी पा लो। | ||
− | जाल में फँस जाय गर मोटा शिकार | + | जाल में फँस जाय गर मोटा शिकार |
तो उसे नाकाम करके कुछ भी पा लो। | तो उसे नाकाम करके कुछ भी पा लो। | ||
− | मर गये माँ - बाप बेचारे तडपकर | + | मर गये माँ - बाप बेचारे तडपकर |
आज चारों धाम करके कुछ भी पा लो। | आज चारों धाम करके कुछ भी पा लो। | ||
− | और यदि सरकार माँगों को न माने | + | और यदि सरकार माँगों को न माने |
तो सड़क को जाम करके कुछ भी पा लो। | तो सड़क को जाम करके कुछ भी पा लो। | ||
− | किन्तु ये इतिहास केवल जानता है | + | किन्तु ये इतिहास केवल जानता है |
एक अच्छा काम करके कुछ भी पा लो। | एक अच्छा काम करके कुछ भी पा लो। | ||
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17:20, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
आत्मा नीलाम करके कुछ भी पा लो
रात वाला काम करके कुछ भी पा लो।
गर तुम्हारे नाम से कुछ हो न हासिल
तो हमें बदनाम करके कुछ भी पा लो।
जाल में फँस जाय गर मोटा शिकार
तो उसे नाकाम करके कुछ भी पा लो।
मर गये माँ - बाप बेचारे तडपकर
आज चारों धाम करके कुछ भी पा लो।
और यदि सरकार माँगों को न माने
तो सड़क को जाम करके कुछ भी पा लो।
किन्तु ये इतिहास केवल जानता है
एक अच्छा काम करके कुछ भी पा लो।