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"अँधेरी सुंरगों में चलना कठिन है / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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कि अपने मुकद्दर से लड़ना कठिन है। | कि अपने मुकद्दर से लड़ना कठिन है। | ||
− | वफ़ादार बोलो कहो बेवफ़ा या | + | वफ़ादार बोलो कहो बेवफ़ा या |
तुम्हारी क़सम अब बदलना कठिन है। | तुम्हारी क़सम अब बदलना कठिन है। | ||
− | न तो रास्ता है, न तो कोई मंजिल | + | न तो रास्ता है, न तो कोई मंजिल |
कहाँ जा रहा हूँ ये कहना कठिन है। | कहाँ जा रहा हूँ ये कहना कठिन है। | ||
− | मुझे यह ख़बर है कि गहरी नदी है | + | मुझे यह ख़बर है कि गहरी नदी है |
भँवर में है कश्ती सँभलना कठिन है। | भँवर में है कश्ती सँभलना कठिन है। | ||
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17:20, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
अँधेरी सुंरगों में चलना कठिन है
कि अपने मुकद्दर से लड़ना कठिन है।
वफ़ादार बोलो कहो बेवफ़ा या
तुम्हारी क़सम अब बदलना कठिन है।
न तो रास्ता है, न तो कोई मंजिल
कहाँ जा रहा हूँ ये कहना कठिन है।
मुझे यह ख़बर है कि गहरी नदी है
भँवर में है कश्ती सँभलना कठिन है।