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"बादलों का एक टुकड़ा आसमाँ में खो गया / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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− | बादलों का एक टुकड़ा आसमाँ में खो | + | बादलों का एक टुकड़ा आसमाँ में खो गया |
एक बच्चा गोद में आकर हमारी सो गया। | एक बच्चा गोद में आकर हमारी सो गया। | ||
− | जब गुलाबी रंग में ख़ुशबू भी शामिल हो गयी | + | जब गुलाबी रंग में ख़ुशबू भी शामिल हो गयी |
खिल उठा सारा बगीचा फूल जैसा हो गया। | खिल उठा सारा बगीचा फूल जैसा हो गया। | ||
− | वो बुजुर्गो की दुआ थी काम जो आयी मेरे | + | वो बुजुर्गो की दुआ थी काम जो आयी मेरे |
एक बूढ़ा चाँद, पर लाखों सितारे बो गया। | एक बूढ़ा चाँद, पर लाखों सितारे बो गया। | ||
− | आपकी उँगली पकड़कर मैं बड़ा होता रहा | + | आपकी उँगली पकड़कर मैं बड़ा होता रहा |
रूप मेरा आपकी मुस्कान जैसा हो गया। | रूप मेरा आपकी मुस्कान जैसा हो गया। | ||
− | चंद ख़्वाबों के बहाने कौन आकर पास मेरे | + | चंद ख़्वाबों के बहाने कौन आकर पास मेरे |
जख्म जितने थे दिलों में आँसुओं से धो गया। | जख्म जितने थे दिलों में आँसुओं से धो गया। | ||
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17:22, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
बादलों का एक टुकड़ा आसमाँ में खो गया
एक बच्चा गोद में आकर हमारी सो गया।
जब गुलाबी रंग में ख़ुशबू भी शामिल हो गयी
खिल उठा सारा बगीचा फूल जैसा हो गया।
वो बुजुर्गो की दुआ थी काम जो आयी मेरे
एक बूढ़ा चाँद, पर लाखों सितारे बो गया।
आपकी उँगली पकड़कर मैं बड़ा होता रहा
रूप मेरा आपकी मुस्कान जैसा हो गया।
चंद ख़्वाबों के बहाने कौन आकर पास मेरे
जख्म जितने थे दिलों में आँसुओं से धो गया।