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"शोर / अर्चना कुमारी" के अवतरणों में अंतर

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21:44, 26 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

जाने किस लहर से
किनारों पर जम रहे हैं
खामोशियों के नमक

डूबती बातें
कोशिश में है तैरने की

कोई आहट हो
और नमक पिघले

पसरी हुई तन्हाईयों से
शोर भले होंगे।