भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"इज़्ज़तपुरम्-27 / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:01, 18 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण
शाम की
कतई
जल्दी नहीं
पर सबेरा
कब होगा?
यही चाहता है
हर मेहनतकश
हाथ
क्यों नहीं
होने लगता
दिन चौबीस घंटे का?