भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"इज़्ज़तपुरम्-91 / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:40, 18 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण

हे र्इ्रश्वर
मौत का पूर्वाभास
मौत से भयानक
मत किसी को दे

मौत मुँह बाये
सामने खड़ी हो
घबरायी जिंदगी
काँपती हो थर-थर
और सब अँधेरा हो

तो मौत से पहले
मर जाने का
बेखैाफ हौसला दे