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"कामना / इंदुशेखर तत्पुरुष" के अवतरणों में अंतर

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16:07, 20 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

जो हमें जिलाती है
जलाती है वही हमको।

जो इस्पाती ढांचे
जलने से कर देते इंकार
उनको कर देती भुरभुरा
जंग की मार से
ऐसी प्रखर है इसकी धार।

सूर्य-किरणों से अधिक उद्दीपक
ऑक्सीजन से अधिक क्रियाषील
है यह हमारी ही रची हुई

जो हमें भरती हैं
वही हमें आखिर
खोखला करती है।