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"अग्निपथ / हरिवंश राय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
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| वृक्ष हों भले खड़े, | वृक्ष हों भले खड़े, | ||
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| हों घने हों बड़े, | हों घने हों बड़े, | ||
| − | + | एक पत्र छाँह भी, | |
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| − | + | अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ। | |
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| − | अग्निपथ अग्निपथ  | + | |
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| तू न थकेगा कभी, | तू न थकेगा कभी, | ||
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| तू न रुकेगा कभी, | तू न रुकेगा कभी, | ||
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| तू न मुड़ेगा कभी, | तू न मुड़ेगा कभी, | ||
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| कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ, | कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ, | ||
| − | + | अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ। | |
| − | अग्निपथ अग्निपथ  | + | |
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| यह महान दृश्य है, | यह महान दृश्य है, | ||
| − | |||
| चल रहा मनुष्य है, | चल रहा मनुष्य है, | ||
| − | + | अश्रु स्वेद रक्त से, | |
| − | अश्रु  | + | |
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| लथपथ लथपथ लथपथ, | लथपथ लथपथ लथपथ, | ||
| − | + | अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ। | |
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10:10, 19 दिसम्बर 2017 के समय का अवतरण
वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु स्वेद रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
 
	
	

