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"यह ऋतु मधुमास की / गरिमा सक्सेना" के अवतरणों में अंतर
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13:47, 25 दिसम्बर 2017 का अवतरण
फूट आए नए कोंपल
यह ऋतु मधुमास की
छा गई है
फूल, फल आनंद की खुशबू
गुनगुनाती धूप भी अब
कर रही जादू
कूकने फिर लगी कोयल
यह ऋतु मधुमास की
खेत में फिर
दलहनी की फसल लहराई
और झूमे पात-डाली
मस्त पुरवाई
हर तरफ हो रही हलचल
यह ऋतु मधुमास की
महक महुए की
करें मन को नशीला-सा
हो गया है
प्रेममय मौसम हठीला सा
प्रिय-मिलन को हृदय विह्वल
यह ऋतु मधुमास की