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"रे मन / लावण्या शाह" के अवतरणों में अंतर
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21:30, 28 जून 2008 का अवतरण
रे मन, तूने ना मानी हार! घाव लगा बार बार, फिर भी,रे मन, तूने ना मानी हार ! हर प्रहार सह चुका, सुख दुख से दह चुका, जन्म मरण देख चुका, जीवन के प्राँगण मेँ रम चुका, हे मन ! तूने ना मानी हार! भाई बँधु, प्रेम मध,माया विश्वास बिछोह, भोग चुका, छोड चुका, टूट गिरा जीवनका बेर ! कितनी ही बेर ! हे मन ! तूने ना मानी हार! सोम रस , हलाहल, आज हँसी कल रुदन, जीवनके मरुस्थल मेँ,या की नँदनवन मेँ, कर रहा प्रसार ! तूने ना मानी हार! हे मन ! तूने ना मानी हार!