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"मगध जननी (तर्ज झूमाड़) / कृष्णदेव प्रसाद" के अवतरणों में अंतर

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जय मगध
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मगध जननी
जयति जयति मगध देस।
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(तर्ज झूमाड़)
जयति जगति मगध देश॥1॥
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सिन्धु मेखला वसुन्धराधिकार।
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सुन्दर बसुधा
बोधिसत्व शान्तिपाठ सूत्रधार।
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मगध जननी
सेलूकस के मान चूर करनिहार।
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(मोर) जलमधरनी
मन के दे गड़ल विरोग के बिसार॥2॥
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जहां सुख देहे प्रकृति दिवस रजनी ॥1॥
  
हे संसार के सिंगार
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उत्तम धरनी
कभिं इजोर कभिं अंधर
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मनोहरनी
विपद से न जीउ हार
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बनी माधवनी
अप्पन दीआ तनि नेस॥3॥
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से हो लाजे लजाय लखे अवनी ॥2॥
 
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16:14, 11 अप्रैल 2018 का अवतरण

मगध जननी
(तर्ज झूमाड़)

सुन्दर बसुधा
मगध जननी
(मोर) जलमधरनी
जहां सुख देहे प्रकृति दिवस रजनी ॥1॥

उत्तम धरनी
मनोहरनी
बनी माधवनी
से हो लाजे लजाय लखे अवनी ॥2॥