भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मगध जननी (तर्ज झूमाड़) / कृष्णदेव प्रसाद" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
|रचनाकार=शेष आनन्द मधुकर
+
|रचनाकार=कृष्णदेव प्रसाद
 
|अनुवादक=
 
|अनुवादक=
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=

16:17, 11 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

मगध जननी
(तर्ज झूमाड़)

सुन्दर बसुधा
मगध जननी
(मोर) जलमधरनी
जहां सुख देहे प्रकृति दिवस रजनी ॥1॥

उत्तम धरनी
मनोहरनी
बनी माधवनी
से हो लाजे लजाय लखे अवनी ॥2॥