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"गौरा तोर अंगना / विद्यापति" के अवतरणों में अंतर
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− | गौरा तोर अंगना। | + | गौरा तोर अंगना। |
− | बर अजगुत देखल तोर अंगना। | + | बर अजगुत देखल तोर अंगना। |
− | एक दिस बाघ सिंह करे | + | एक दिस बाघ सिंह करे हुलना। |
− | दोसर बरद छैन्ह सेहो | + | दोसर बरद छैन्ह सेहो बौना॥ |
− | हे गौरा तोर ... | + | हे गौरा तोर... |
− | कार्तिक गणपति दुई चेंगना। | + | कार्तिक गणपति दुई चेंगना। |
− | एक चढथि मोर एक | + | एक चढथि मोर एक मुसना॥ |
− | हे गौर तोर ... | + | हे गौर तोर... |
− | पैंच उधार माँगे गेलौं | + | पैंच उधार माँगे गेलौं अंगना। |
− | सम्पति मध्य देखल भांग | + | सम्पति मध्य देखल भांग घोटना॥ |
− | हे गौरा तोर ... | + | हे गौरा तोर... |
− | खेती न पथारि शिव गुजर | + | खेती न पथारि शिव गुजर कोना। |
− | मंगनी के आस छैन्ह बरसों | + | मंगनी के आस छैन्ह बरसों दिना॥ |
− | हे गौरा तोर | + | हे गौरा तोर । |
− | भनहि विद्यापति सुनु | + | भनहि विद्यापति सुनु उगना। |
− | दरिद्र हरन करू धएल | + | दरिद्र हरन करू धएल सरना॥</poem> |
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12:26, 25 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
गौरा तोर अंगना।
बर अजगुत देखल तोर अंगना।
एक दिस बाघ सिंह करे हुलना।
दोसर बरद छैन्ह सेहो बौना॥
हे गौरा तोर...
कार्तिक गणपति दुई चेंगना।
एक चढथि मोर एक मुसना॥
हे गौर तोर...
पैंच उधार माँगे गेलौं अंगना।
सम्पति मध्य देखल भांग घोटना॥
हे गौरा तोर...
खेती न पथारि शिव गुजर कोना।
मंगनी के आस छैन्ह बरसों दिना॥
हे गौरा तोर ।
भनहि विद्यापति सुनु उगना।
दरिद्र हरन करू धएल सरना॥