भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"देवी गीत 2 / रामरक्षा मिश्र विमल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामरक्षा मिश्र 'विमल' |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
|रचनाकार=रामरक्षा मिश्र 'विमल'
+
|रचनाकार=रामरक्षा मिश्र विमल
 
|अनुवादक=
 
|अनुवादक=
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=

19:40, 4 अगस्त 2018 का अवतरण

निमिया के पुलुईं उपरा लागल बा झूलनवा
हो कि से ही उपरा ना
मइया के सोभेला असनवा
हो कि से ही उपरा ना.
 
झुलेला असनवा आ झुलावेला पवनवा
हो कि सारी नगरी ना
गम गम गमकेले बयरिया
हो कि सारी नगरी ना.
 
माई तोरा अइलीं हम चरनिया के सरनिया
कि असिसवा दीह ना
सगरो होखो मंगलगान
कि असिसवा दीह ना.
 
विमल करेले मन लगाइके पुजनिया
कि नयनवा फेरिहऽ ना
सेवक आइल बा दुअरिया
कि नयनवा फेरिहऽ ना.