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मुलाक़ात / अनिल जनविजय
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11:32, 5 सितम्बर 2018
ले आई नमकपारे
वो खिली-खिली थी
हँसकर कहा —
खाओ।
खाओ
मैंने कहा — नहीं,
भूख नहीं है, ना... रे..
पूछा उसने —
कैसी गुज़र रही है?
अनिल जनविजय
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