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"महफ़िल महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है / कुमार विश्वास" के अवतरणों में अंतर

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उनकी आँखों से होकर दिल तक जाना
 
उनकी आँखों से होकर दिल तक जाना
रस्ते में ये मैखाना तो पडता हैं
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रस्ते में ये मैखाना तो पडता है
  
 
तुमको पाने की चाहत में ख़तम हुए
 
तुमको पाने की चाहत में ख़तम हुए
इश्क में इतना जुरमाना तो पड़ता हैं
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इश्क में इतना जुरमाना तो पड़ता है
 
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10:42, 17 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

महफ़िल महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है
खुद ही खुद को समझाना तो पड़ता है

उनकी आँखों से होकर दिल तक जाना
रस्ते में ये मैखाना तो पडता है

तुमको पाने की चाहत में ख़तम हुए
इश्क में इतना जुरमाना तो पड़ता है