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"आप का इंतिज़ार रहता है / प्रमिल चन्द्र सरीन 'अंजान'" के अवतरणों में अंतर

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जान रहते ही मिट गया होता
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आप का इंतिज़ार रहता है
दर्द गर क़ाबिले शिफ़ा होता
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दिल बहुत बेक़रार रहता है
  
बारे-दिल कुछ तो कम हुआ होता
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लूट ले उसको भी कोई आकर
काश अश्क़ों का सिलसिला होता
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दिल में जो कुछ क़रार रहता है
  
रास्ता जिस पे उम्र गुज़री है
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हो चुका तर्के-रब्त जब उनसे
काश मंज़िल का रास्ता होता
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उनका क्यों इंतिज़ार रहता है
  
राहे मंज़िल पे रौशनी होती
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नेमते इश्क़ ने दिये सदमे
साथ गर आपका मिला होता
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फूल के साथ ख़ार रहता है
  
आपकी याद दिल में रहती है
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आपके इश्क़ का जुनूँ मेरे
वरना दिल को जला दिया होता।
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दिल पे हरदम स्वर रहता है
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तुझसे मिलने के बाद भी हमदम
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क्यों तेरा इंतिज़ार रहता है।
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19:54, 26 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

आप का इंतिज़ार रहता है
दिल बहुत बेक़रार रहता है

लूट ले उसको भी कोई आकर
दिल में जो कुछ क़रार रहता है

हो चुका तर्के-रब्त जब उनसे
उनका क्यों इंतिज़ार रहता है

नेमते इश्क़ ने दिये सदमे
फूल के साथ ख़ार रहता है

आपके इश्क़ का जुनूँ मेरे
दिल पे हरदम स्वर रहता है

तुझसे मिलने के बाद भी हमदम
क्यों तेरा इंतिज़ार रहता है।