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"आज कल हालात हैं कुछ तंग से / अजय अज्ञात" के अवतरणों में अंतर

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11:21, 29 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

 
आज कल हालात हैं कुछ तंग से
ज़िंदगी रंग लो ख़ुशी के रंग से

सब बना लेंगे तुम्हें अपना अजीज
पेश आना सीख लो तुम ढंग से

हौसला हरगिज़ न अपना छोड़ना
जीत कर लौटोगे तुम हर जंग से

टीसते हैं जख़्म कैसे क्या कहूँ
बिजलियाँ सी कौंधती हैं अंग से

देख कर उन के जमालेहुस्न को
रह गए ‘अज्ञात' हम तो दंग से