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"बात सच्ची थी भले कड़वी लगी / अजय अज्ञात" के अवतरणों में अंतर
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बात सच्ची थी भले कड़वी लगी
साफगोई आप की अच्छी लगी
जानने को हूँ बहुत आतुर कहो
आप को मेरी ग़ज़ल कैसी लगी
उर्वशी थी या कि कोई मेनका
हू ब हू वह आप के जैसी लगी
रिश्ते में लगती हो तुम माँ की बहिन
इसलिए तुम मेरी भी मौसी लगी
देख कर मेरी तरक्की बोलिये
आपको है किस लिये मिर्ची लगी