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"एक दिन माँ कुदरत कहेगी, / नाज़िम हिक़मत" के अवतरणों में अंतर
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14:26, 26 जुलाई 2008 के समय का अवतरण
एक दिन माँ कुदरत कहेगी,
"अब चलो ...
अब और न हँसी, न आँसू,
मेरे बच्चे ..."
और अन्तहीन एक बार
और ये शुरू होगी
ज़िन्दगी जो न देखे, न बोले,
और न सोचा करे