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"अच्छा लगता है हमें गौहर निकलते देखना / अजय अज्ञात" के अवतरणों में अंतर

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09:28, 30 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

अच्छा लगता है हमें गौहर निकलते देखना
ख़ुद से ही औलाद को बेहतर निकलते देखना

बज़्म में कुछ चीटियों के पर निकलते देखना
बौने क़द वालों के ऊंचे सर निकलते देखना

मूँद कर आँखें, फ़क़त कानों ही से अपने कभी
शेर में जज़्बात को बाहर निकलते देखना

ढूंढ़ कर वो यंत्र लाओ जिस से मुम्किन हो सके
आत्मा का जिस्म से बाहर निकलते देखना

ख़ूबसूरत कोई मंज़र देखना चाहो अगर
भोर में उठकर कभी दिनकर निकलते देखना