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"मां के दिल से जो निकलती है दुआ हो जाएं / अनु जसरोटिया" के अवतरणों में अंतर

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13:26, 30 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

मां के दिल से जो निकलती है दुआ हो जाएं
किसी दरवेश के होटों की सदा हो जाएं

फिर भी दिल उन की महब्बत ही का दम भरता है
इक झलक अपनी दिखा के जो हवा हो जाएं

जिस क़दर चाहो उन्हें चाहो उन्हें याद करो
इतना मत पूजो वो बन्दे से ख़ुदा हो जाएं

हम समा जाऐं तेरी ख़ाक के हर ज़र्रे में
ऐ वतन तेरे लिए हम जो फ़ना हो जाएं

आप के दिल में फिदा होने की हसरत है अगर
इन बहारों पे दिलो-जां से फ़िदा हो जाएं

कुल्लू वैली है पहाड़ों की मुग़ल शहज़ादी
दिल यहां आके न क्यों नग़मा-सरा हो जाएं

चार सू फैलें मसाजिद की अज़ानों की तरह
किसी दींदार के माथे की ज़िया हो जाएं

दिल यही मांगता रहता है दुआएं हरदम
वो मेरे दर्द-महब्बत की दवा हो जाएं