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ख़ुशनुमा / अनु जसरोटिया
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ख़ुशनुमा
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रचनाकार | अनु जसरोटिया |
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प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | उर्दू |
विषय | शायरी |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- तुम्हारी बात चले, गुलस्तिान ख़ुशबू दे / अनु जसरोटिया
- हम को वो अपनी तमन्ना नहीं होने देते / अनु जसरोटिया
- अब मेरे भाई कि चिट्ठी नहीं आया करती / अनु जसरोटिया
- दिल के मन्दिर में दीपक जलाया नहीं / अनु जसरोटिया
- तेरी सुहबत में खुश रहना, तेरी फुर्क़़त में खु़श रहना / अनु जसरोटिया
- हवस न रक्खे मकानों की, कारख़ानों की / अनु जसरोटिया
- इक शिगुफ़ता कली सा लगता है / अनु जसरोटिया
- गुज़र गया है ज़माना बुरा भला कहते / अनु जसरोटिया
- कब हमको नई नस्ल में गहराई मिलेगी / अनु जसरोटिया
- साया भी जहां अपना, शजर छोड़ रहा है / अनु जसरोटिया
- दूर रहते हो क्यों भलाई से / अनु जसरोटिया
- बीते दिनों की याद दिलाती है ज़िन्दगी / अनु जसरोटिया
- जिस डगर से भी गुज़र जाऊँगी / अनु जसरोटिया
- मुफ़लिसों पर हँसा नहीं करते / अनु जसरोटिया
- हम उन से जा मिले कभी वो हम से आ मिले / अनु जसरोटिया
- धूप में मेरे साथ चलता था / अनु जसरोटिया
- रूठने वाला न लौटा फिर कभी / अनु जसरोटिया
- भेंट उनको दिल की दौलत कर रहे हैं / अनु जसरोटिया
- मैं अक्सर बेसहारा कुछ मरीज़ों की दवा लाई / अनु जसरोटिया
- अब ये फूलों पे चल नहीं सकती / अनु जसरोटिया
- होली खेले घर आंगन में / अनु जसरोटिया
- तेरा पैग़ाम मुझे बादे- सवा देती है / अनु जसरोटिया
- मंज़िल उन्हें ठुकराती है बेकार समझ कर / अनु जसरोटिया
- तेरी राहें बड़ी हसरत से इन आंखों ने देखी हैं / अनु जसरोटिया
- कैसा जीवन भोगें लोग / अनु जसरोटिया
- सबका हमदम बूढ़ा पीपल / अनु जसरोटिया
- तोड़ लिए हैं सारे बन्धन / अनु जसरोटिया
- गीत सुनना सुनाना भूल गए / अनु जसरोटिया / अनु जसरोटिया]]
- मां के दिल से जो निकलती है दुआ हो जाएं / अनु जसरोटिया
- इक सहेली की तरह करती है मुझ से प्यार माँ / अनु जसरोटिया
- ये बरखा रुत ये बरसातें हमें अच्छी नहीं लगतीं / अनु जसरोटिया
- रंग जीवन में भरूँगी एक दिन / अनु जसरोटिया
- एक दिन सब जहाँ से चल देंगे / अनु जसरोटिया
- ज़ख़्मे-दिल ताज़ा हुए, लौ दे उठी तन्हाइयाँ / अनु जसरोटिया
- क्या हाल इन दिनों है हमारा न पूछिए / अनु जसरोटिया
- था बिजली की ज़द पर मेरा आशियाना / अनु जसरोटिया
- फ़़ोन पर उन से मुलाक़ात हुआ करती है / अनु जसरोटिया
- कोई शायद दूर हम से जा रहा है / अनु जसरोटिया
- अभी उठ के जाने का जी तो नहीं है / अनु जसरोटिया
- हम भी हसँते-खेलते, हालात कुछ ऐसे न थे / अनु जसरोटिया
- ग़ालिब सा कोई शायरे कामिल न मिलेगा / अनु जसरोटिया
- दिल को नापाक सियासत से बचाए रखिए / अनु जसरोटिया
- बड़ा ही बेश-क़ी़मत था बड़ा था काम का काग़ज़ / अनु जसरोटिया
- साफ़ सुथरा है चाहे छोटा है / अनु जसरोटिया
- क़त्ए / अनु जसरोटिया
- कितने ही रंगों के पंछी / अनु जसरोटिया
- हमें भी शायरी के फ़न पे कु़दरत की तमन्ना है / अनु जसरोटिया
- वो तुम्हारी बे-रुख़ी वो बे-तुकी ख़ामोशियां / अनु जसरोटिया
- हाय वो दिन भी थे कैसे रंग के / अनु जसरोटिया
- बीते लम्हों की कई यादें सुहानी दे गया / अनु जसरोटिया
- तमाम उम्र यही हम ने कारोबार किया / अनु जसरोटिया
- खेतों पर छाई हरियाली / अनु जसरोटिया
- दिलों जां हैं रोशन मुन्नवर नज़र है / अनु जसरोटिया
- किस क़दर ख़ुश-रंग हैं ये उड़ती फिरती तितलियां / अनु जसरोटिया
- साफ़ सुथरी छोटी छोटी बस्तियां / अनु जसरोटिया
- मेरे दिल ने जिसे पुकारा है / अनु जसरोटिया